इनमें ज्योतिष लाल किताब द्वारा शारीरिक लक्षणों की पहचान.... इंसान किस ग्रह का है
*इल्मे ज्योतिष लाल किताब में जहां कुंडली और हस्तरेखा का समावेश है वही पर इस विद्या में शारीरिक लक्षण पर भी ध्यान दिया गया है*
*हम आइए चर्चा करते हैं बृहस्पति से प्रभावित जातक की जिस जातक में बृहस्पति का प्रभाव हो वैसे जातक का ललाट लंबा होता है चाहे सिर छोटा ही हो पर ललाट हमेशा लंबा होगा चूहे के जैसे तंग माथे वाला ना होगा उसकी नाक भी सुडौल होती है ।उसे किसी प्रकार की सांस की बीमारी नहीं होती सर्दी जुखाम भी बहुत कम लगता है। चुगली की आदत नही होती है ना ही चुगली करने की न सुनने की चलते वक्त चाल सीधी होती है हाथ की पहली उंगली यानी तर्जनी सीधी और सपाट होती है बृहस्पति से प्रभावित जातक बहुत ही हिम्मतवाला ज्ञानवान उपदेशक धर्म प्रचारक भी होता है ।साहसी होता है जिस काम को ठान ले अपनी जान तक लगा देने की हिम्मत रखता है पर बृहस्पति से प्रभावित जातक किस्मत पर भरोसा करने वाला और मन मौजी होता है आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होती ।बहुत ही रहमदिल खुद पर विश्वास करने वाला और संसार का सुख का नहीं मिलता है पर इज़्ज़त हर जगह मिलती है* *क्योंकि वचन का पक्का होता है हालांकि बृहस्पति प्रधान जातक से किसी प्रकार की भौतिक सुख की उम्मीद ना करें।*
*जातक बहुत ही बुद्धिमान होता है सभी से मुहब्बत रखता है पर अगर जातक को बुध या राहु से प्रभावित जीवन साथी मिले तो वैवाहिक जीवन बहुत ही कष्ट में होता है जातक धन के प्रति लापरवाह रहता है कुछ हद तक फिजूल खर्ची और धन के प्रति मोह माया कम होती है।*
*हस्त रेखा से बात करें ब्रस्पति प्रधान वाले जातक की उंगलियों के जोड़ बिल्कुल ही मालूम न होंगे और नाखून की पूरी नुकीली सी होगी जातक पूरा धार्मिक होगा धर्म के नाम पर मर जाने वाला जो किस्मत करेगी देखा जाएगा यानी किस्मत पर भरोसा करने वाला होगा ऐसे इंसान से किसी को आर्थिक तौर पर कोई फायदा नहीं होता आदत पीला प्रवासी होती है और आर्थिक स्थिति मध्यम होती है।*
*लंबा होगा पर पेट ना निकला होगा और पेट बहुत ज्यादा अंदर की तरफ भी ना होगा ।पतले पेट वाला गुप्त पापी होता है।*
*नाक चेहरे के हिसाब से छोटी होगी पर बहुत ज्यादा छोटी ना होगी अगर नाक बड़ी हो तो नाक का सिरा गोल होगा जातक धर्मात्मा होगा।*
*अगर नाक लंबी हो तो थोड़ी सी नीचे की तरफ झुकी होगी दुनिया में इज़्ज़त और दौलत का मालिक.*
*लंबी और पतली नाक हो तो बहादुर होगा यानि की मंगल गुरु इक्कठे या दृष्टि या साथी ग्रह होंगे।*
*नाक अगर लंबी और चौड़ी हो तो मेहनतकश पर छुपारुस्तम होगा।*
आगे बात करते हैं सूरज से प्रभावित जातक की
*सूरज से प्रभाव रखने वाला जातक लंबे कद का मजबूत कब काठी और गहरे शरीर का होता है ललाट चौड़ी होती है शरीर का दायाँ हिस्सा ज्यादा चलता है आंखें तेज होती है पर डरावनी नहीं होती।नमक कम खाने की आदत होती है ऐसा जातक ऊपर से दिखने में तो बहुत ही शालीन होता है पर अंदर से आग का गोला होता है।जातक बदचलन नहीं होता चाल-चलन से अच्छा होता है* *बृहस्पति और चंद्रमा से प्रभावित जीवन साथी से बहुत अच्छी बनती है अगर राहु*
*या शुक्र से प्रभावित जीवन साथी मिल जाए तो जिंदगी नरक बन जाती है।*
*सूरज के इंसान वाले ग्रह की बात करें तो उंगलियों के दरमियानी जोड़ मोटे होंगे उंगलियों के सिरे गोल होंगे ऐसा सख्त मेहनती व् इरादे का पक्का होगा जिस बात पर जाएं पीछे नहीं हटेगा। हर काम में पहले हिसा लेगा। शराब से दूर रहने वाला और शरारत का माकूल जवाब देने वाला होगा।*
*आगे बात करते हैं चंद्र से प्रभावित जातक की चंद्र प्रधान जातक का चेहरा दूधिया जैसा होता है चकोर या चौड़ा चेहरा आंखे बड़ी-बड़ी होती है सुभाव नरम होता है और चेहरा बहुत भावुक होता है जिनसे भी प्रेम करेंगे टूटकर प्रेम करेंगे दिल में नरमी रहती है और आंसू भी खूब बहाते हैं। अक्सर अपनी ही सोच विचारों में खोए रहते हैं और ऐसे जातक के पास धन की कमी नहीं रहती। अगर इन्हें सूरज बृहस्पति से प्रभावित जीवन साथी मिल जाए तो जिंदगी में आनंद ही आनंद होता है अगर पाप ग्रह से प्रभावित जीवन साथी मिले तो जिंदगी नरक मय हो जाती है।*
*चंद्र के इंसान अंगूठा छोटा उंगलियां तरासी हुई होंगी ।*
*पशु मवेशी को पालने का शौक होगा या मवेशी के कारोबार से लाभ उठाएगा। पशु मवेसी का प्रेमी होगा।*
*अगर लिखावट की बात करें तो अगर अक्सर बड़े और मोटे लिखे हो तो जातक फ़राख दिल होगा।*
*सीधे शब्द और आसानी से पढ़े जाने वाले हो तो मजबूत और कठोर दिल का होगा।*
*अगर लिखावट में लंबी लंबी लकीरें हो तो बगैर सोच-समझकर जल्दीबाजी करने वाला होगा ।*
*सीधा और साफ़ लिखा हो तो कुदरती अक्ल वाला होगा।*
*लिखावट बारिक हो तो अमली लियाकत यानि कि जो दूसरे को कहें वैसा खुद भी करें*
*अगर अक्षर गोल-गोल हो और बराबर हो तो जातक उम्दा फैसला करने वाला होगा ।*
*अगर अक्षर छोटे-छोटे व् हल्के हो गहरे न हो शर्मीला और डरपोक होगा*
*अगर लिखावट में खूबसूरती हो और कलाकारी फूल के* *जैसी सजावट हो* *तो ऐसा इंसान खूब हंसने* *_वाला और गप्पी होग*
(फरमान 84 भी पढ़े)
*जिस इंसान का चंद्र उत्तम हो उनके अक्सर दाएं अंग फड़कता रहे और अगर चंद्र मंदा हो तो बाया हिस्सा फड़कता रहे। यानि की दायाँ अंग फड़कना मुबारक व् बायाँ गैर मुबारक़।*
आगे बात करते हैं शुक्र प्रधान वाले जातक की
*जिस जातक का शुक्र प्रधान होगा ऐसा जातक रंगत में सफेद दही के जैसा और चेहरा गोल मोल ,खूबसूरत आंखें बैल की तरह और आंखों में एक अजीब सी मस्ती छाई होगी । हर वक़्त खुश रहने वाला -कोई हंसे कोई रोए पर अपने आप में हमेशा खुश रहेगा हमेशा अपने आप को औरतों की तरह सजता सँवरता रहेगा साथ ही शरीर पतला ना होकर थोड़ा मोटा होगा और बदन भी भारी होगा ।शुक्र प्रधान वाले जातक की अक्सर पेट भी निकल जाया करता है गाल का मांस भी भरा होगा और आंखों की पलकों भी मांस की पूरी भरी हुई होगी ।और साथ ही उंगली नोकदार और उंगलियों के जोड़ मोटे होंगे। लाल किताब में ऐसे हाथ को मुसलसी (शुक्कर)हाथ भी कहा गया है।*
*जिनका शुक्र नीच होता है उनकी आंखों के घेरे काले होते हैं चेहरे पर रौनक नहीं होती और शरीर पर हल्की-हल्की खाज खुजली भी होती रहती है। चुत्तड़ पर छोटी-छोटी फुंसियां भी अक्सर निकलती रहती है और ऐसे जातक की पैंट भी अक्सर उतरती या ढीली होती रहती है। गुप्त स्थान पर तिल भी हो सकता है।*
*आगे बात करते हैं मंगल नेक ग्रह वाले प्रधान जातक की जो इंसान मंगल नेक ग्रह का इंसान हो ऐसा जातक एक तरफा सोचने वाला, हुकूमत का इच्छुक*
*बदन की रंगत तांबे की जैसी (जिसे हम इंग्लिस में TAN COLOR कहते है)*
*होंठ ऊपर व् नीचे के दोनों एक सा बराबर -ऊपर का होंठ नुकीला होगा ,सुर्ख आंखें ,शेर की तरह डरावनी खूंखार सी पर साथ में ही आंखों में रहम भी झलकता होगा, ऊपर का शरीर भारी नीचे का शरीर औसत दर्जे का होगा ।ऐसे जातक के हथेली में एक छोटी सी रेखा मंगल नेक से बृहसपति पर्वत की ओर जाती है या दिल की रेखा और सिर की रेखा के बीच पतली सी रेखा बृहस्पति पर्वत पर जाती है।*
*जो इंसान मंगल नेक होता है। उंगलियों के सिरे चौड़े होते हैं पर मंगल नेक और मंगल बद में सिर्फ इतना सा फर्क होता है कि मंगल नेक से गुरु पर्वत को रेखा या सिर की रेखा के साथ साथ एक और रेखा होती है जो की गुरु पर्वत पर जाकर ख़त्म होती है।*
*मुंह का आकार पूरी तरह से विकसित होगा। बाजू सीधी होगी। बाजू जितनी लंबी हो उतना ही इंसान नेक नसीब होता है ।अगर घुटनों से नीचे हाथ चला जाए जान इतने लंबे हो तो इसेे लाल किताब में "राजयोग" माना गया है।*
आगे बात करते हैं मंगल बद वाले इंसान की
*मंगल बद वाला इंसान लंबे कद स्वस्थ शरीर हाथों की बनावट चौड़ी मोटी और मांसलदार उंगलियों के सिर चौरस चौकोर मोटे होगे और मंगल बद की आवाज मोटी दहाड़ने की जैसे-जैसे गर्जना होती है और यह आवाज फटती सी होगी यानी आवाज बुलंद दहाड़ गर्जना होगी साथ में मिठास ना होकर आवाज फटी फटी हुई। ऐसा जातक मर्द औरतों दोनों क्रूर ,माता पिता की निंदा करने, वाले बात-बात पर क्रोध में आपे से बाहर हो जाने वाले होंगे और अपना काम खुद बिगाड़ने वाले होंगे।*
*लड़ाई झगड़े करके स्वजनों को वैरी बना लेंगे दूसरे के दर्द की अनुभूति ना होगी पर खुद की एक चोट में बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे ।*
*अहंकारी मूर्ख खुद को महाज्ञानी और अपने आसपास पूरी गर्मी होगी इसके पास कोई शांति से नहीं रह पाएगा। झगड़ा खोजने वाला होगा आंखों में शेर की जैसी चमक के साथ ही आंखें लाल होंगे मगर कई बार धोखा लगेगा जैसे कि हिरण की आंखें है धोखा लगेगा ।मंगल बद का जातक अपने पैरों पर खुद कुलाहड़ी मारने वाले होते और जो इनके पास गया उसे भी बर्बाद कर दिया ।*
*अब इसके बारे में अगर हस्तरेखा से बात करें शुक्कर पर्वत से रेखा निकलकर किस्मत की रेखा को सिर की रेखा को पार करके सनी के पर्वत पर पहुंच जाए या सूरज की पर्वत के अंदर चले जाए यह मंगल बद वाले इंसान की निशानी होगी ।*
*पेट पर अगर बल पढ़ते हों और तादाद में एक हो तो मंगल पक्का बद होगा ।*
*अगर दो बल पड़ने से अय्याश होगा।*
*अगर 3 बल पढ़ते हो तो लेक्चरार और नसीहत करने वाला होगा ।*
*अगर चार बल तो पढ़ा-लिखा और औलाद का मालिक होगा।*
*नीचे के होंठ बड़े होंगे और काले सफेद या नीले होंगे(फरमान 45 65 70 80 82 भी पढ़े)।*
आगे बात करते हैं बुध के इंसान की*
*जो इंसान बुध का प्रबल होगा कबूतर जैसी आंखों वाला, थोड़ा डरपोक ,लड़कियों जैसी विनम्रता और व्यवहार और बिल्ली की तरह चालाकी होगी। लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला -दांत सुंदर होंगे नकल करने की ताकत -बहरुपिया होगा । जबान पर होंठ फेरते रहने की आदत होगी ।तेज़ तर्रार- अपने बातों में ही लोगों को भुला देना वाला होगा भरम में डाल देना खूबी होगी। लेकिन जब भी बात करेगा तो पक्की बात करेगा कच्ची बात नहीं करेगा गप्पी या बकवास नहीं होगा ।हर एक को अपना दोस्त बना लेगा पर इसमें नेतृत्व की ताकत नहीं होगी यानी लोगों पर आश्रित होगा ।*
*जुबान का चस्का होगा यानी स्वादिष्ट भोजन चाहेगा पर खुराक कम होगी खूबसूरती को पसंद करने वाला बहुत ज्यादा लालची खुदगर्ज ना होगा यानी कि कम चीजों का शौक बहुत ज्यादा इकट्ठा करने का शौक नहीं होगा ।*
*शुक्र पर्वत से रेखा निकलकर कनिष्ठ ऊँगली की जड़ तक चली जाए और सूरज की रेखा दिल की रेखा सूरज तक रह जाए यह उत्तम बुध की निशानी होगी बुद्ध का फल उत्तम होगा। व्यापार उत्तम- दिमागी ताकत भी बहुत अच्छी होगी।*
*अंगूठा लंबा होगा उंगलियों के जोड़ बाहर को निकले हुए मोटे होंगे ।*
*बुध पर्वत हथेली से बाहर की तरफ निकला होगा इस हाथ को लाल किताब में मंतकी हाथ भी कहा है यानि तर्क करने वाला हर बात की जड़ तक पहुंचने वाला होगा।*
*दांत सुंदर होंगे यानी कि कीड़ा ना लगा होगा ऊबड़ खाबड़ न होगा।*
*दांत अगर बाहर को निकले हो तो जातक अकलमंद पर किस्मत के साथ की कोई शर्त नहीं ।*
*अगर 20 से कम और 32 से ज्यादा हो तो मनहूस मंद भाग्य।*
*अगर पूरे 32 दांत हो ऐसे इंसान के मुंह से निकली बात तक लग जाया करती है ऐसे इंसान को सताना नेक फल नहीं होगा और जिनके 32 दांत खुद भी गुस्से से परहेज करना चाहिए क्योंकि कर भला हो भला कर बुरा हो बुरा। पूरे के पूरे 32 साथ मंगल नेक की ताकत भी माना है।*
*सिर पूरी तरह गोल होगा आँखे भी गोल होंगी।*
*सिर छोटा पेट मोटा कमअक्ल बेवकूफ होगा।*
*बुध प्रबल वाले की जीवनसाथी का रंग चमकदार होगा चेहरा फीका या भद्दी न होगी।रंग शुक्कर या सूरज की यानि गोरापन और हल्की सी तांबे की चमक "कनकभिन्ना" हो। जो शादी के बाद किस्मत को और रोशन कर देवे।*
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*इंसान किस ग्रह का है इस श्रृंखला में हम आज बात करेंगे शनि राहु और केतु की*
*जिस जातक का शनि प्रबल हो ऐसे जातक की आंखें सांप से मिलती हुई होगी यानी कि जैसे साथ की आंख गहरी और गोल होती है और आंखों में चमक होती है यानि ऐसा जातक की आंख गोल गहरी और चमकदार होगी शरीर का रंग गोरा ना होकर या लाल न होकर शरीर का रंग काला होगा। काले रंग की झलक शरीर से प्रतीत होगी -आंखों के ऊपर भँवे /भरवट्टे लकीर की तरह सीधी होगी या भवों पर बाल कम होंगे ।आवाज में सांप की तरह टिक टिक या सांप की जैसी फुफकार होगी।*
*आँखे बहुत देर-देर के बाद झपकेगा।*
*(कम आँख झपकने वाले गहरी सोच और बहुत विद्वान् होते है। जैसे की ओशो रजनीश)*
*जब भी बात करेगा तो कुछ बात इस तरह की करेगा कि आपको पता नहीं लगेगा कि उसके कहने का क्या मतलब यानी वह कहां से बात करता है दोनों पहलू से बात करेगा और चारों तरफ घूम जाने वाला जैसे कि सांप की आदत होती है* *अगर मदद पराए तो दूसरे की पूरी मदद करेगा अपनी जान तक कुर्बान कर देगा।*
*बहुत ही जिद्दी तो दुःसाहसी मनमानी करने वाला और छोटे कान वाला होगा। जब किसी के बर खिलाफ हो जाए तो उसे बर्बाद करके ही छोड़ेगा चाहे खुद भी बर्बाद चुनाव हो जाए यानी हम तो डूबे तो डूबे तुमको भी ले डूबेंगे सनम वाली बात होगी सुनने की बजाए आंखों से ही काम लेगा यानी कि किसी हुई कहीं बात पर विश्वास नहीं करेगा जब तक खुद उसको निजी तौर पर आजमा न ले। कान बहुत ही छोटे होंगे और अलग-अलग बैठने का आदि होगा। हमेशा अपना अलग ही राग अलापता रहेगा। नाक का सिरा तोते की जैसे मुड़ा होगा।*
*_जहां नाक तोते की जैसी और आंखों में चमक वही पर उसकी हंसी में मुस्कान और फूहड़पन होगा या जहरीली हसीं होगी। चाहे इस प्रकार के जातक का रंग गोरा भी हो पर होंठ काले रहेंगे। सुंदर होने के बावजूद भी कोमलता का आभाव रहेगा।*
*शरीर के बाल भी सनी की अधीन आते हैं*
*हर एक बाल की जड़ में से अगर एक ही बाल निकलता हो तो जातक अपने समाज में हुक्मरान दौलतमन्द व् अकलमंद की हैसियत से रहेगा।*
*अगर एक ही जड़ से दो बाल निकलते हो तो जातक कलाकार व् अक्लमन्द होगा।*
*_अगर एक ही जड़ से तीन बाल निकलते हो तो जातक खुदा परस्त होगा यानी कि उस परमात्मा में अटूट भरोसा करने वाला होगा
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*_अगर एक ही जड़ से चार बाल निकलते हो तो यह मंद भाग और बेअक्ल नालायक की निशानी होगी_
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*अगर दाढ़ी मूछ के बाल कम हो या बिल्कुल ही ना हो तो जातक कम हौसले वाला उम्मीदों में मायूसी और खुद की बनाई हुई जायदाद ने कमी होगी*
*_अगर सारे शरीर पर बहुत ही ज्यादा बाल हो तो जातक बदनसीब होगा
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*पैर की पीठ पर या पेशानी (तिलक लगाने की जगह पर पर बाल हो तो जातक मन्दभाग होगा )*
*छाती पर अगर ज्यादा बाल हो तो उम्र गुलामी में गुजरेगी गुलामी से अर्थ है कि जातक अपनी जिंदगी दूसरों के लिए ही गुजार दें।*
*अगर छाती पर बाल बिल्कुल ही ना हो तो ऐसा जातक नकाब ले एतबार उसके दिल का कोई भरोसा नहीं होगा एक छन में प्यार दूसर छन नफरत होगी।*
*अगर पूरे शरीर पर हद से ज्यादा बाल हो जातक तंगहाल होगा।*
*आंख के भरव्ट्टे अगर कमानीदार हो तो जातक नेक दिल नेक काम करने वाला होगा और अगर सीधे हो तो पत्थर दिल और बुरे काम करने वाला हो*
*कमान की तरह यानी झुकाओ दिल का झुकाव रहमदिल होना जाहिर करता है।*
*_सभी ज्योतिष प्रेमियों को नजूमी का नमस्कार_*
*_आज हम बात करेंगे राहु के इंसान सी जिस इंसान का राहु बुलंद हो ऐसे इंसान की ठोडी मजबूत होगी रंग काला होगा अगर राहू उच्च हो तो रंग काले की बजाए गोरा होगा पर आदतें राहु वाली होँगी। शरीर का रंग काला या काली सी झलक मिले आंख से काना या औलाद की तरफ से महरूम होगा ।चाल टेढ़ी होगी हाथी का जिस्म का रंग और हाथी की आंखों से मिलती में आंखें होगी यानी की छोटी-छोटी आंखें होंगी तबीयत में कच्चे धुँए की तरह बेआरामी हो यानी कि एक अजीब तरह की परेशानी सी रहेगी। जिस तरफ मिल जाए उस तरफ अपनी सारी ताकत झोक देगा और जिस तरफ बर्बादी पर आ जाए बर्बाद करके छोड़ेगा। दिमागी ताकत नेक ना होकर शरारत वाली होगी और किसी भी के सामने उसके बराबर की ताकत खड़ी कर देने की हिम्मत वाला होगा।_*
*_खुराक ज्यादा होगी भोजन का बहुत प्रेमी होगा स्वाद की परवाह बहुत कम होगी अक्सर इनके पास बेकार की चीजें बहुत होती है ।दुनिया की खूबसूरती से कोई मतलब नहीं होता जो भी चीज सामने आ इकट्ठी कर ली दूसरे मायनों कहें तो कबाड़ इकट्ठा कर लेना।_*
*_स्वभाव में शरारत की वजह से बिल्ली जैसी आदतें होंगी यानी अगर ताकत आ जाए तो सब बर्बाद कर देवे।_*
*_हाथ की चौड़ाई बहुत ज्यादा होगी और उंगलियां वह वह अंगूठा हथेली की बराबर में आधे होंगे।_*
*_अगर उंगलियों के सिरे चौड़े हो तो राहु के साथ मंगल भी बद होगा।_*
*_अगर हाथ के नाखून खराब हो जाए तो राहु मंदा अगर पैर के नाखून खराब हो जाए तो केतू मन्दा माना जाएगा। जिस कदर हथेली गहरी हो हथेली में किस्मत का पानी भरपूर होगा जिस कदर हथेली बीच में से ऊपर उठ जाए किस्मत का पानी कम होगा।_*
*_हथेली के द्वारा भी हम निंलिखित बातें जान सकते हैं_*
*★जिस इंसान की हथेली कठोर हो अपनी बात जोर देकर मनवाने वाला होगा यानी हकूमत हाथ माना है ।_*
*★नरम हाथ वाला आराम पसंद होगा।_*
*★अगर हथेली नरम हो और चौड़ी/फैली हो तो ऐसा इंसान सुस्त तबीयत और मंद भाग होगा ।_*
*★अगर हथेली सख्त और मजबूत हो तो जातक धैर्य वाला और शरीर में फुर्ती होगी।_*
*★जिस इंसान की हथेली बहुत ही छोटी हो ऐसा इंसान लोगों की चापलूसी करने में ही अपनी जिंदगी गुजार देता है|_*
*★ बहुत ज्यादा लंबे हाथ वाला रिसर्च करने वाला या दार्शनिक फिलॉसफर होता है |_*
*★अगर हथेली लंबी हो और बेढंगी हो और सख्त हो तो ऐसा इंसान मंगल बद का सुभाव जल्लाद बेरहम मंदभाग होगा।_*
*_★अगर हाथ और पांव दोनों ही छोटे हो यानी कि पैर का तलवा और हथेली दोनों ही छोटे छोटे हो तो ऐसा इंसान मतलब परस्त खुद के लिए भी मंद भाग और दूसरों के लिए मनहूस होगा |_*
*_★अगर हथेली का रंग साफ हो और हथेली के सभी पर्वत पूर्ण रुप से विकसित हो तो राजयोग माना है|_*
*हवाला
फ़रमान 67 91 72 88 68
*आगे बात करते हैं केतू वाले इंसान की*
*केतू प्रबल वाला इंसान की पेशानी यानी कि तिलक लगाने की जगह ऊंची होगी बाहर की तरफ उभरी हुई होगी ।शरीर नीचे से मोटा ऊपर की तरफ पतला हो कान बड़े-बड़े होंगे। कान का नीचे वाला हिस्सा भारी और झूलता होगा ।यह इंसान के धार्मिक होने की पहली निशानी है ।मसलन आप श्री परम् पूज्य पंडित रूप चन्द जोशी जी और श्री मिल्खाराज बागला जी श्री रविंद्र भंडारी जी और श्री राजीव खट्टर जी जैसे लाल किताब ज्योतिषियों कान देख लें फ़ोटो में।*
*बहुत ज्यादा छोटे कान केतू सनी से प्रभावित और लंबे कान केतू के उच्च होने के निशानी है।धर्म स्थान के पुजारी और गद्दी नसीन साधु के कान भी लंबे होते हैं।*
*केतू प्रबल वाला इंसान का गुस्सा बहुत खतरनाक होता है। अमूमन परोपकारी भला करने वाला और एक जगह बैठने की आदत की बजाए चलने फिरने वाला होता है यानि कि दरवेश सुभाव होता है।*
*_छोटे कान वाला पुरुष तेज तर्रार बुद्धि में चतुर होता है और छोटे कान वाली औरत बड़ी-बड़ी गप्पें मारने वाली बकवास और बेवकूफ होती है।*
*★गर्दन पर जो बल पढ़ते हैं यह निशानी भी केतु की है_*
*★अगर गर्दन पर एक बल हो तो इंसान उमर दराज होता है।*
*★ अगर दो बल पढ़ते हो तो ऐसा इंसान दौलत मंद पर अपनी मेहनत से होता है।*
*★अगर तीन बल पढ़ते हो तो ऐसा इंसान दौलत मंद के साथ-साथ तुच्छ बुद्धि वाला होता है।*
*और अगर चार बल पड़ते हो तो ऐसा इंसान मनहूस और निर्धन होता है-वैसे अगर गर्दन पर बल ना पड़े तो ही अच्छा है दौलत मंद होने की निशानी है।_*
*राहु के हाथ में और केतु के हाथ में इतना सा फर्क है कि जहां राहु प्रबल वाले की उंगलियों के सिरे चौड़े होते हैं वही केतु परबल वाले के उंगलियों के सिरे नुकीले होते हैं। हालाकि दोनों हाथ में समानता होती है कि दोनों हाथ की हथेली बड़ी और उंगलियां छोटी-छोटी होती हैं।_*
*~अगर केतु के इंसान की उंगलियां लंबी लंबी हो तो हाथ भी लंबा होगा और सिर व् कद भी लंबा या बड़ा होगा यह खुशनसीबी की निशानी है। पर हथेली की लंबाई मध्यमा उंगली से बड़ी होगी ।अगर हथेली गहरी हो तो ऐसा इंसान खुद कमाई करके खुशी से गुजारा करने वाला होगा और अपने पिता के हैसियत से भी बड़ी हैसियत वाला होगा यानी कि बुजुर्गों की बनाई जायदाद में इजाफा करेगा।_*
*अगर हथेली की लंबाई मद्धमा उंगली से कम हो और हथेली गहराई की बजाए ऊंची ऊपर को उभरी हुई हो यानी जिसमें पानी ना ठहर सके हथेली को अकड़ा कर देख सकते हैं कि हथेली कितनी गहरी है या ऊपर को उभरी हुई है अगर हथेली बीच में से ऊपर को उठी हो तो ऐसा इंसान बुजुर्गो की जायदाद खुद बर्बाद करके दूसरों से भी कर्जा लेकर खा पीकर बर्बाद कर जाने वाला होगा यानी कि पानी से भरे तलाब के पानी तो खत्म किया ही तलाब की मिट्टी तक भी बेच डालेगा ऐसी बर्बादी करे।_*
*रीढ़ की हड्डी को केतु माना है और बाकी पीठ को मंगल बद माना है। छाती भी मंगल बद की होती है। पीठ अगर ऊभरी हुई हो तो ऐसा इंसान पैसे वाला और अपनी हुकूमत चलाने वाला होता है ।अगर पीठ चौड़ी हो यह गरीबी की निशानी है। अगर पीठ छोटी हो तो ऐसा इंसान सारी उम्र दूसरे लोगों की सलाह से चलने वाला या जी हजूरी करने वाला होता है।*
*पैर भी केतु के माने गए हैं ।घर से बाहर निकलते वक्त दायाँ पैर पहले रखना मुबारक है ।बायां पैर रखना गैर मुबारक होता है ।यही नियम स्वांस पर भी लागू है। अगर बायां पैर दाएं पैर की तुलना में बडा हो तो यह कम हौसला तंग दिली डरपोक की निशानी है।*
*अगर पैर की उंगलियों के नाखून का रंग तांबे के जैसा हो तो यह बहुत ही मुबारक है ऐसा इंसान समाज शहर घर में हुक्मराण हैसियत रखता है।*
*अगर नाखून हल्के से आसमानी कलर यानी की नीले रंग का आभास हो ऐसा इंसान ऊँचाई को प्राप्त करता है।*
*अगर नाखून हल्के से पीले हो तो जातक समाज में सलाहकार की हैसियत रखता है लोग अपने पास बैठा कर सलाह लेते हैं*
*अगर नाखून का रंग काला सा हो तो ऐसा इंसान छल कपट करने में माहिर व् लोगों का माल हड़पने वाला होता है*
*हवाले फरमान 64 67 68 75 72 81 व् अन्य।
(हाथ का अंगूठा भी इसी ग्रह के अंतर्गत आता है तफ्सील बड़ी होने के कारण इसे किसी और दिन बताया जाएगा)
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*इल्मे ज्योतिष लाल किताब में जहां कुंडली और हस्तरेखा का समावेश है वही पर इस विद्या में शारीरिक लक्षण पर भी ध्यान दिया गया है*
*हम आइए चर्चा करते हैं बृहस्पति से प्रभावित जातक की जिस जातक में बृहस्पति का प्रभाव हो वैसे जातक का ललाट लंबा होता है चाहे सिर छोटा ही हो पर ललाट हमेशा लंबा होगा चूहे के जैसे तंग माथे वाला ना होगा उसकी नाक भी सुडौल होती है ।उसे किसी प्रकार की सांस की बीमारी नहीं होती सर्दी जुखाम भी बहुत कम लगता है। चुगली की आदत नही होती है ना ही चुगली करने की न सुनने की चलते वक्त चाल सीधी होती है हाथ की पहली उंगली यानी तर्जनी सीधी और सपाट होती है बृहस्पति से प्रभावित जातक बहुत ही हिम्मतवाला ज्ञानवान उपदेशक धर्म प्रचारक भी होता है ।साहसी होता है जिस काम को ठान ले अपनी जान तक लगा देने की हिम्मत रखता है पर बृहस्पति से प्रभावित जातक किस्मत पर भरोसा करने वाला और मन मौजी होता है आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होती ।बहुत ही रहमदिल खुद पर विश्वास करने वाला और संसार का सुख का नहीं मिलता है पर इज़्ज़त हर जगह मिलती है* *क्योंकि वचन का पक्का होता है हालांकि बृहस्पति प्रधान जातक से किसी प्रकार की भौतिक सुख की उम्मीद ना करें।*
*जातक बहुत ही बुद्धिमान होता है सभी से मुहब्बत रखता है पर अगर जातक को बुध या राहु से प्रभावित जीवन साथी मिले तो वैवाहिक जीवन बहुत ही कष्ट में होता है जातक धन के प्रति लापरवाह रहता है कुछ हद तक फिजूल खर्ची और धन के प्रति मोह माया कम होती है।*
*हस्त रेखा से बात करें ब्रस्पति प्रधान वाले जातक की उंगलियों के जोड़ बिल्कुल ही मालूम न होंगे और नाखून की पूरी नुकीली सी होगी जातक पूरा धार्मिक होगा धर्म के नाम पर मर जाने वाला जो किस्मत करेगी देखा जाएगा यानी किस्मत पर भरोसा करने वाला होगा ऐसे इंसान से किसी को आर्थिक तौर पर कोई फायदा नहीं होता आदत पीला प्रवासी होती है और आर्थिक स्थिति मध्यम होती है।*
*लंबा होगा पर पेट ना निकला होगा और पेट बहुत ज्यादा अंदर की तरफ भी ना होगा ।पतले पेट वाला गुप्त पापी होता है।*
*नाक चेहरे के हिसाब से छोटी होगी पर बहुत ज्यादा छोटी ना होगी अगर नाक बड़ी हो तो नाक का सिरा गोल होगा जातक धर्मात्मा होगा।*
*अगर नाक लंबी हो तो थोड़ी सी नीचे की तरफ झुकी होगी दुनिया में इज़्ज़त और दौलत का मालिक.*
*लंबी और पतली नाक हो तो बहादुर होगा यानि की मंगल गुरु इक्कठे या दृष्टि या साथी ग्रह होंगे।*
*नाक अगर लंबी और चौड़ी हो तो मेहनतकश पर छुपारुस्तम होगा।*
आगे बात करते हैं सूरज से प्रभावित जातक की
*सूरज से प्रभाव रखने वाला जातक लंबे कद का मजबूत कब काठी और गहरे शरीर का होता है ललाट चौड़ी होती है शरीर का दायाँ हिस्सा ज्यादा चलता है आंखें तेज होती है पर डरावनी नहीं होती।नमक कम खाने की आदत होती है ऐसा जातक ऊपर से दिखने में तो बहुत ही शालीन होता है पर अंदर से आग का गोला होता है।जातक बदचलन नहीं होता चाल-चलन से अच्छा होता है* *बृहस्पति और चंद्रमा से प्रभावित जीवन साथी से बहुत अच्छी बनती है अगर राहु*
*या शुक्र से प्रभावित जीवन साथी मिल जाए तो जिंदगी नरक बन जाती है।*
*सूरज के इंसान वाले ग्रह की बात करें तो उंगलियों के दरमियानी जोड़ मोटे होंगे उंगलियों के सिरे गोल होंगे ऐसा सख्त मेहनती व् इरादे का पक्का होगा जिस बात पर जाएं पीछे नहीं हटेगा। हर काम में पहले हिसा लेगा। शराब से दूर रहने वाला और शरारत का माकूल जवाब देने वाला होगा।*
*आगे बात करते हैं चंद्र से प्रभावित जातक की चंद्र प्रधान जातक का चेहरा दूधिया जैसा होता है चकोर या चौड़ा चेहरा आंखे बड़ी-बड़ी होती है सुभाव नरम होता है और चेहरा बहुत भावुक होता है जिनसे भी प्रेम करेंगे टूटकर प्रेम करेंगे दिल में नरमी रहती है और आंसू भी खूब बहाते हैं। अक्सर अपनी ही सोच विचारों में खोए रहते हैं और ऐसे जातक के पास धन की कमी नहीं रहती। अगर इन्हें सूरज बृहस्पति से प्रभावित जीवन साथी मिल जाए तो जिंदगी में आनंद ही आनंद होता है अगर पाप ग्रह से प्रभावित जीवन साथी मिले तो जिंदगी नरक मय हो जाती है।*
*चंद्र के इंसान अंगूठा छोटा उंगलियां तरासी हुई होंगी ।*
*पशु मवेशी को पालने का शौक होगा या मवेशी के कारोबार से लाभ उठाएगा। पशु मवेसी का प्रेमी होगा।*
*अगर लिखावट की बात करें तो अगर अक्सर बड़े और मोटे लिखे हो तो जातक फ़राख दिल होगा।*
*सीधे शब्द और आसानी से पढ़े जाने वाले हो तो मजबूत और कठोर दिल का होगा।*
*अगर लिखावट में लंबी लंबी लकीरें हो तो बगैर सोच-समझकर जल्दीबाजी करने वाला होगा ।*
*सीधा और साफ़ लिखा हो तो कुदरती अक्ल वाला होगा।*
*लिखावट बारिक हो तो अमली लियाकत यानि कि जो दूसरे को कहें वैसा खुद भी करें*
*अगर अक्षर गोल-गोल हो और बराबर हो तो जातक उम्दा फैसला करने वाला होगा ।*
*अगर अक्षर छोटे-छोटे व् हल्के हो गहरे न हो शर्मीला और डरपोक होगा*
*अगर लिखावट में खूबसूरती हो और कलाकारी फूल के* *जैसी सजावट हो* *तो ऐसा इंसान खूब हंसने* *_वाला और गप्पी होग*
(फरमान 84 भी पढ़े)
*जिस इंसान का चंद्र उत्तम हो उनके अक्सर दाएं अंग फड़कता रहे और अगर चंद्र मंदा हो तो बाया हिस्सा फड़कता रहे। यानि की दायाँ अंग फड़कना मुबारक व् बायाँ गैर मुबारक़।*
आगे बात करते हैं शुक्र प्रधान वाले जातक की
*जिस जातक का शुक्र प्रधान होगा ऐसा जातक रंगत में सफेद दही के जैसा और चेहरा गोल मोल ,खूबसूरत आंखें बैल की तरह और आंखों में एक अजीब सी मस्ती छाई होगी । हर वक़्त खुश रहने वाला -कोई हंसे कोई रोए पर अपने आप में हमेशा खुश रहेगा हमेशा अपने आप को औरतों की तरह सजता सँवरता रहेगा साथ ही शरीर पतला ना होकर थोड़ा मोटा होगा और बदन भी भारी होगा ।शुक्र प्रधान वाले जातक की अक्सर पेट भी निकल जाया करता है गाल का मांस भी भरा होगा और आंखों की पलकों भी मांस की पूरी भरी हुई होगी ।और साथ ही उंगली नोकदार और उंगलियों के जोड़ मोटे होंगे। लाल किताब में ऐसे हाथ को मुसलसी (शुक्कर)हाथ भी कहा गया है।*
*जिनका शुक्र नीच होता है उनकी आंखों के घेरे काले होते हैं चेहरे पर रौनक नहीं होती और शरीर पर हल्की-हल्की खाज खुजली भी होती रहती है। चुत्तड़ पर छोटी-छोटी फुंसियां भी अक्सर निकलती रहती है और ऐसे जातक की पैंट भी अक्सर उतरती या ढीली होती रहती है। गुप्त स्थान पर तिल भी हो सकता है।*
*आगे बात करते हैं मंगल नेक ग्रह वाले प्रधान जातक की जो इंसान मंगल नेक ग्रह का इंसान हो ऐसा जातक एक तरफा सोचने वाला, हुकूमत का इच्छुक*
*बदन की रंगत तांबे की जैसी (जिसे हम इंग्लिस में TAN COLOR कहते है)*
*होंठ ऊपर व् नीचे के दोनों एक सा बराबर -ऊपर का होंठ नुकीला होगा ,सुर्ख आंखें ,शेर की तरह डरावनी खूंखार सी पर साथ में ही आंखों में रहम भी झलकता होगा, ऊपर का शरीर भारी नीचे का शरीर औसत दर्जे का होगा ।ऐसे जातक के हथेली में एक छोटी सी रेखा मंगल नेक से बृहसपति पर्वत की ओर जाती है या दिल की रेखा और सिर की रेखा के बीच पतली सी रेखा बृहस्पति पर्वत पर जाती है।*
*जो इंसान मंगल नेक होता है। उंगलियों के सिरे चौड़े होते हैं पर मंगल नेक और मंगल बद में सिर्फ इतना सा फर्क होता है कि मंगल नेक से गुरु पर्वत को रेखा या सिर की रेखा के साथ साथ एक और रेखा होती है जो की गुरु पर्वत पर जाकर ख़त्म होती है।*
*मुंह का आकार पूरी तरह से विकसित होगा। बाजू सीधी होगी। बाजू जितनी लंबी हो उतना ही इंसान नेक नसीब होता है ।अगर घुटनों से नीचे हाथ चला जाए जान इतने लंबे हो तो इसेे लाल किताब में "राजयोग" माना गया है।*
आगे बात करते हैं मंगल बद वाले इंसान की
*मंगल बद वाला इंसान लंबे कद स्वस्थ शरीर हाथों की बनावट चौड़ी मोटी और मांसलदार उंगलियों के सिर चौरस चौकोर मोटे होगे और मंगल बद की आवाज मोटी दहाड़ने की जैसे-जैसे गर्जना होती है और यह आवाज फटती सी होगी यानी आवाज बुलंद दहाड़ गर्जना होगी साथ में मिठास ना होकर आवाज फटी फटी हुई। ऐसा जातक मर्द औरतों दोनों क्रूर ,माता पिता की निंदा करने, वाले बात-बात पर क्रोध में आपे से बाहर हो जाने वाले होंगे और अपना काम खुद बिगाड़ने वाले होंगे।*
*लड़ाई झगड़े करके स्वजनों को वैरी बना लेंगे दूसरे के दर्द की अनुभूति ना होगी पर खुद की एक चोट में बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे ।*
*अहंकारी मूर्ख खुद को महाज्ञानी और अपने आसपास पूरी गर्मी होगी इसके पास कोई शांति से नहीं रह पाएगा। झगड़ा खोजने वाला होगा आंखों में शेर की जैसी चमक के साथ ही आंखें लाल होंगे मगर कई बार धोखा लगेगा जैसे कि हिरण की आंखें है धोखा लगेगा ।मंगल बद का जातक अपने पैरों पर खुद कुलाहड़ी मारने वाले होते और जो इनके पास गया उसे भी बर्बाद कर दिया ।*
*अब इसके बारे में अगर हस्तरेखा से बात करें शुक्कर पर्वत से रेखा निकलकर किस्मत की रेखा को सिर की रेखा को पार करके सनी के पर्वत पर पहुंच जाए या सूरज की पर्वत के अंदर चले जाए यह मंगल बद वाले इंसान की निशानी होगी ।*
*पेट पर अगर बल पढ़ते हों और तादाद में एक हो तो मंगल पक्का बद होगा ।*
*अगर दो बल पड़ने से अय्याश होगा।*
*अगर 3 बल पढ़ते हो तो लेक्चरार और नसीहत करने वाला होगा ।*
*अगर चार बल तो पढ़ा-लिखा और औलाद का मालिक होगा।*
*नीचे के होंठ बड़े होंगे और काले सफेद या नीले होंगे(फरमान 45 65 70 80 82 भी पढ़े)।*
आगे बात करते हैं बुध के इंसान की*
*जो इंसान बुध का प्रबल होगा कबूतर जैसी आंखों वाला, थोड़ा डरपोक ,लड़कियों जैसी विनम्रता और व्यवहार और बिल्ली की तरह चालाकी होगी। लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला -दांत सुंदर होंगे नकल करने की ताकत -बहरुपिया होगा । जबान पर होंठ फेरते रहने की आदत होगी ।तेज़ तर्रार- अपने बातों में ही लोगों को भुला देना वाला होगा भरम में डाल देना खूबी होगी। लेकिन जब भी बात करेगा तो पक्की बात करेगा कच्ची बात नहीं करेगा गप्पी या बकवास नहीं होगा ।हर एक को अपना दोस्त बना लेगा पर इसमें नेतृत्व की ताकत नहीं होगी यानी लोगों पर आश्रित होगा ।*
*जुबान का चस्का होगा यानी स्वादिष्ट भोजन चाहेगा पर खुराक कम होगी खूबसूरती को पसंद करने वाला बहुत ज्यादा लालची खुदगर्ज ना होगा यानी कि कम चीजों का शौक बहुत ज्यादा इकट्ठा करने का शौक नहीं होगा ।*
*शुक्र पर्वत से रेखा निकलकर कनिष्ठ ऊँगली की जड़ तक चली जाए और सूरज की रेखा दिल की रेखा सूरज तक रह जाए यह उत्तम बुध की निशानी होगी बुद्ध का फल उत्तम होगा। व्यापार उत्तम- दिमागी ताकत भी बहुत अच्छी होगी।*
*अंगूठा लंबा होगा उंगलियों के जोड़ बाहर को निकले हुए मोटे होंगे ।*
*बुध पर्वत हथेली से बाहर की तरफ निकला होगा इस हाथ को लाल किताब में मंतकी हाथ भी कहा है यानि तर्क करने वाला हर बात की जड़ तक पहुंचने वाला होगा।*
*दांत सुंदर होंगे यानी कि कीड़ा ना लगा होगा ऊबड़ खाबड़ न होगा।*
*दांत अगर बाहर को निकले हो तो जातक अकलमंद पर किस्मत के साथ की कोई शर्त नहीं ।*
*अगर 20 से कम और 32 से ज्यादा हो तो मनहूस मंद भाग्य।*
*अगर पूरे 32 दांत हो ऐसे इंसान के मुंह से निकली बात तक लग जाया करती है ऐसे इंसान को सताना नेक फल नहीं होगा और जिनके 32 दांत खुद भी गुस्से से परहेज करना चाहिए क्योंकि कर भला हो भला कर बुरा हो बुरा। पूरे के पूरे 32 साथ मंगल नेक की ताकत भी माना है।*
*सिर पूरी तरह गोल होगा आँखे भी गोल होंगी।*
*सिर छोटा पेट मोटा कमअक्ल बेवकूफ होगा।*
*बुध प्रबल वाले की जीवनसाथी का रंग चमकदार होगा चेहरा फीका या भद्दी न होगी।रंग शुक्कर या सूरज की यानि गोरापन और हल्की सी तांबे की चमक "कनकभिन्ना" हो। जो शादी के बाद किस्मत को और रोशन कर देवे।*
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*इंसान किस ग्रह का है इस श्रृंखला में हम आज बात करेंगे शनि राहु और केतु की*
*जिस जातक का शनि प्रबल हो ऐसे जातक की आंखें सांप से मिलती हुई होगी यानी कि जैसे साथ की आंख गहरी और गोल होती है और आंखों में चमक होती है यानि ऐसा जातक की आंख गोल गहरी और चमकदार होगी शरीर का रंग गोरा ना होकर या लाल न होकर शरीर का रंग काला होगा। काले रंग की झलक शरीर से प्रतीत होगी -आंखों के ऊपर भँवे /भरवट्टे लकीर की तरह सीधी होगी या भवों पर बाल कम होंगे ।आवाज में सांप की तरह टिक टिक या सांप की जैसी फुफकार होगी।*
*आँखे बहुत देर-देर के बाद झपकेगा।*
*(कम आँख झपकने वाले गहरी सोच और बहुत विद्वान् होते है। जैसे की ओशो रजनीश)*
*जब भी बात करेगा तो कुछ बात इस तरह की करेगा कि आपको पता नहीं लगेगा कि उसके कहने का क्या मतलब यानी वह कहां से बात करता है दोनों पहलू से बात करेगा और चारों तरफ घूम जाने वाला जैसे कि सांप की आदत होती है* *अगर मदद पराए तो दूसरे की पूरी मदद करेगा अपनी जान तक कुर्बान कर देगा।*
*बहुत ही जिद्दी तो दुःसाहसी मनमानी करने वाला और छोटे कान वाला होगा। जब किसी के बर खिलाफ हो जाए तो उसे बर्बाद करके ही छोड़ेगा चाहे खुद भी बर्बाद चुनाव हो जाए यानी हम तो डूबे तो डूबे तुमको भी ले डूबेंगे सनम वाली बात होगी सुनने की बजाए आंखों से ही काम लेगा यानी कि किसी हुई कहीं बात पर विश्वास नहीं करेगा जब तक खुद उसको निजी तौर पर आजमा न ले। कान बहुत ही छोटे होंगे और अलग-अलग बैठने का आदि होगा। हमेशा अपना अलग ही राग अलापता रहेगा। नाक का सिरा तोते की जैसे मुड़ा होगा।*
*_जहां नाक तोते की जैसी और आंखों में चमक वही पर उसकी हंसी में मुस्कान और फूहड़पन होगा या जहरीली हसीं होगी। चाहे इस प्रकार के जातक का रंग गोरा भी हो पर होंठ काले रहेंगे। सुंदर होने के बावजूद भी कोमलता का आभाव रहेगा।*
*शरीर के बाल भी सनी की अधीन आते हैं*
*हर एक बाल की जड़ में से अगर एक ही बाल निकलता हो तो जातक अपने समाज में हुक्मरान दौलतमन्द व् अकलमंद की हैसियत से रहेगा।*
*अगर एक ही जड़ से दो बाल निकलते हो तो जातक कलाकार व् अक्लमन्द होगा।*
*_अगर एक ही जड़ से तीन बाल निकलते हो तो जातक खुदा परस्त होगा यानी कि उस परमात्मा में अटूट भरोसा करने वाला होगा
_*
*_अगर एक ही जड़ से चार बाल निकलते हो तो यह मंद भाग और बेअक्ल नालायक की निशानी होगी_
*
*अगर दाढ़ी मूछ के बाल कम हो या बिल्कुल ही ना हो तो जातक कम हौसले वाला उम्मीदों में मायूसी और खुद की बनाई हुई जायदाद ने कमी होगी*
*_अगर सारे शरीर पर बहुत ही ज्यादा बाल हो तो जातक बदनसीब होगा
_*
*पैर की पीठ पर या पेशानी (तिलक लगाने की जगह पर पर बाल हो तो जातक मन्दभाग होगा )*
*छाती पर अगर ज्यादा बाल हो तो उम्र गुलामी में गुजरेगी गुलामी से अर्थ है कि जातक अपनी जिंदगी दूसरों के लिए ही गुजार दें।*
*अगर छाती पर बाल बिल्कुल ही ना हो तो ऐसा जातक नकाब ले एतबार उसके दिल का कोई भरोसा नहीं होगा एक छन में प्यार दूसर छन नफरत होगी।*
*अगर पूरे शरीर पर हद से ज्यादा बाल हो जातक तंगहाल होगा।*
*आंख के भरव्ट्टे अगर कमानीदार हो तो जातक नेक दिल नेक काम करने वाला होगा और अगर सीधे हो तो पत्थर दिल और बुरे काम करने वाला हो*
*कमान की तरह यानी झुकाओ दिल का झुकाव रहमदिल होना जाहिर करता है।*
*_सभी ज्योतिष प्रेमियों को नजूमी का नमस्कार_*
*_आज हम बात करेंगे राहु के इंसान सी जिस इंसान का राहु बुलंद हो ऐसे इंसान की ठोडी मजबूत होगी रंग काला होगा अगर राहू उच्च हो तो रंग काले की बजाए गोरा होगा पर आदतें राहु वाली होँगी। शरीर का रंग काला या काली सी झलक मिले आंख से काना या औलाद की तरफ से महरूम होगा ।चाल टेढ़ी होगी हाथी का जिस्म का रंग और हाथी की आंखों से मिलती में आंखें होगी यानी की छोटी-छोटी आंखें होंगी तबीयत में कच्चे धुँए की तरह बेआरामी हो यानी कि एक अजीब तरह की परेशानी सी रहेगी। जिस तरफ मिल जाए उस तरफ अपनी सारी ताकत झोक देगा और जिस तरफ बर्बादी पर आ जाए बर्बाद करके छोड़ेगा। दिमागी ताकत नेक ना होकर शरारत वाली होगी और किसी भी के सामने उसके बराबर की ताकत खड़ी कर देने की हिम्मत वाला होगा।_*
*_खुराक ज्यादा होगी भोजन का बहुत प्रेमी होगा स्वाद की परवाह बहुत कम होगी अक्सर इनके पास बेकार की चीजें बहुत होती है ।दुनिया की खूबसूरती से कोई मतलब नहीं होता जो भी चीज सामने आ इकट्ठी कर ली दूसरे मायनों कहें तो कबाड़ इकट्ठा कर लेना।_*
*_स्वभाव में शरारत की वजह से बिल्ली जैसी आदतें होंगी यानी अगर ताकत आ जाए तो सब बर्बाद कर देवे।_*
*_हाथ की चौड़ाई बहुत ज्यादा होगी और उंगलियां वह वह अंगूठा हथेली की बराबर में आधे होंगे।_*
*_अगर उंगलियों के सिरे चौड़े हो तो राहु के साथ मंगल भी बद होगा।_*
*_अगर हाथ के नाखून खराब हो जाए तो राहु मंदा अगर पैर के नाखून खराब हो जाए तो केतू मन्दा माना जाएगा। जिस कदर हथेली गहरी हो हथेली में किस्मत का पानी भरपूर होगा जिस कदर हथेली बीच में से ऊपर उठ जाए किस्मत का पानी कम होगा।_*
*_हथेली के द्वारा भी हम निंलिखित बातें जान सकते हैं_*
*★जिस इंसान की हथेली कठोर हो अपनी बात जोर देकर मनवाने वाला होगा यानी हकूमत हाथ माना है ।_*
*★नरम हाथ वाला आराम पसंद होगा।_*
*★अगर हथेली नरम हो और चौड़ी/फैली हो तो ऐसा इंसान सुस्त तबीयत और मंद भाग होगा ।_*
*★अगर हथेली सख्त और मजबूत हो तो जातक धैर्य वाला और शरीर में फुर्ती होगी।_*
*★जिस इंसान की हथेली बहुत ही छोटी हो ऐसा इंसान लोगों की चापलूसी करने में ही अपनी जिंदगी गुजार देता है|_*
*★ बहुत ज्यादा लंबे हाथ वाला रिसर्च करने वाला या दार्शनिक फिलॉसफर होता है |_*
*★अगर हथेली लंबी हो और बेढंगी हो और सख्त हो तो ऐसा इंसान मंगल बद का सुभाव जल्लाद बेरहम मंदभाग होगा।_*
*_★अगर हाथ और पांव दोनों ही छोटे हो यानी कि पैर का तलवा और हथेली दोनों ही छोटे छोटे हो तो ऐसा इंसान मतलब परस्त खुद के लिए भी मंद भाग और दूसरों के लिए मनहूस होगा |_*
*_★अगर हथेली का रंग साफ हो और हथेली के सभी पर्वत पूर्ण रुप से विकसित हो तो राजयोग माना है|_*
*हवाला
फ़रमान 67 91 72 88 68
*आगे बात करते हैं केतू वाले इंसान की*
*केतू प्रबल वाला इंसान की पेशानी यानी कि तिलक लगाने की जगह ऊंची होगी बाहर की तरफ उभरी हुई होगी ।शरीर नीचे से मोटा ऊपर की तरफ पतला हो कान बड़े-बड़े होंगे। कान का नीचे वाला हिस्सा भारी और झूलता होगा ।यह इंसान के धार्मिक होने की पहली निशानी है ।मसलन आप श्री परम् पूज्य पंडित रूप चन्द जोशी जी और श्री मिल्खाराज बागला जी श्री रविंद्र भंडारी जी और श्री राजीव खट्टर जी जैसे लाल किताब ज्योतिषियों कान देख लें फ़ोटो में।*
*बहुत ज्यादा छोटे कान केतू सनी से प्रभावित और लंबे कान केतू के उच्च होने के निशानी है।धर्म स्थान के पुजारी और गद्दी नसीन साधु के कान भी लंबे होते हैं।*
*केतू प्रबल वाला इंसान का गुस्सा बहुत खतरनाक होता है। अमूमन परोपकारी भला करने वाला और एक जगह बैठने की आदत की बजाए चलने फिरने वाला होता है यानि कि दरवेश सुभाव होता है।*
*_छोटे कान वाला पुरुष तेज तर्रार बुद्धि में चतुर होता है और छोटे कान वाली औरत बड़ी-बड़ी गप्पें मारने वाली बकवास और बेवकूफ होती है।*
*★गर्दन पर जो बल पढ़ते हैं यह निशानी भी केतु की है_*
*★अगर गर्दन पर एक बल हो तो इंसान उमर दराज होता है।*
*★ अगर दो बल पढ़ते हो तो ऐसा इंसान दौलत मंद पर अपनी मेहनत से होता है।*
*★अगर तीन बल पढ़ते हो तो ऐसा इंसान दौलत मंद के साथ-साथ तुच्छ बुद्धि वाला होता है।*
*और अगर चार बल पड़ते हो तो ऐसा इंसान मनहूस और निर्धन होता है-वैसे अगर गर्दन पर बल ना पड़े तो ही अच्छा है दौलत मंद होने की निशानी है।_*
*राहु के हाथ में और केतु के हाथ में इतना सा फर्क है कि जहां राहु प्रबल वाले की उंगलियों के सिरे चौड़े होते हैं वही केतु परबल वाले के उंगलियों के सिरे नुकीले होते हैं। हालाकि दोनों हाथ में समानता होती है कि दोनों हाथ की हथेली बड़ी और उंगलियां छोटी-छोटी होती हैं।_*
*~अगर केतु के इंसान की उंगलियां लंबी लंबी हो तो हाथ भी लंबा होगा और सिर व् कद भी लंबा या बड़ा होगा यह खुशनसीबी की निशानी है। पर हथेली की लंबाई मध्यमा उंगली से बड़ी होगी ।अगर हथेली गहरी हो तो ऐसा इंसान खुद कमाई करके खुशी से गुजारा करने वाला होगा और अपने पिता के हैसियत से भी बड़ी हैसियत वाला होगा यानी कि बुजुर्गों की बनाई जायदाद में इजाफा करेगा।_*
*अगर हथेली की लंबाई मद्धमा उंगली से कम हो और हथेली गहराई की बजाए ऊंची ऊपर को उभरी हुई हो यानी जिसमें पानी ना ठहर सके हथेली को अकड़ा कर देख सकते हैं कि हथेली कितनी गहरी है या ऊपर को उभरी हुई है अगर हथेली बीच में से ऊपर को उठी हो तो ऐसा इंसान बुजुर्गो की जायदाद खुद बर्बाद करके दूसरों से भी कर्जा लेकर खा पीकर बर्बाद कर जाने वाला होगा यानी कि पानी से भरे तलाब के पानी तो खत्म किया ही तलाब की मिट्टी तक भी बेच डालेगा ऐसी बर्बादी करे।_*
*रीढ़ की हड्डी को केतु माना है और बाकी पीठ को मंगल बद माना है। छाती भी मंगल बद की होती है। पीठ अगर ऊभरी हुई हो तो ऐसा इंसान पैसे वाला और अपनी हुकूमत चलाने वाला होता है ।अगर पीठ चौड़ी हो यह गरीबी की निशानी है। अगर पीठ छोटी हो तो ऐसा इंसान सारी उम्र दूसरे लोगों की सलाह से चलने वाला या जी हजूरी करने वाला होता है।*
*पैर भी केतु के माने गए हैं ।घर से बाहर निकलते वक्त दायाँ पैर पहले रखना मुबारक है ।बायां पैर रखना गैर मुबारक होता है ।यही नियम स्वांस पर भी लागू है। अगर बायां पैर दाएं पैर की तुलना में बडा हो तो यह कम हौसला तंग दिली डरपोक की निशानी है।*
*अगर पैर की उंगलियों के नाखून का रंग तांबे के जैसा हो तो यह बहुत ही मुबारक है ऐसा इंसान समाज शहर घर में हुक्मराण हैसियत रखता है।*
*अगर नाखून हल्के से आसमानी कलर यानी की नीले रंग का आभास हो ऐसा इंसान ऊँचाई को प्राप्त करता है।*
*अगर नाखून हल्के से पीले हो तो जातक समाज में सलाहकार की हैसियत रखता है लोग अपने पास बैठा कर सलाह लेते हैं*
*अगर नाखून का रंग काला सा हो तो ऐसा इंसान छल कपट करने में माहिर व् लोगों का माल हड़पने वाला होता है*
*हवाले फरमान 64 67 68 75 72 81 व् अन्य।
(हाथ का अंगूठा भी इसी ग्रह के अंतर्गत आता है तफ्सील बड़ी होने के कारण इसे किसी और दिन बताया जाएगा)
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